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Rudra Trailer Out : अजय एक बार फिर कॉप लुक में

वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)

ज्ञान का घर श्रीकांत जिचकार





हम सभी ज्ञान के मामले में हमेशा एकदूसरे से तुलना करते है लेकिन खुद की तुलना करने के अलावा हम ज्ञानी लोगों की भी एक-दुसरे से तुलना कर देते है. अल्बर्ट आइंस्टाइन, बाबासाहेब आंबेडकर, लिनार्डो दा विंसी, आइज़क न्यूटन यह प्रतिभा क्षेत्र के बड़े नाम है. हर व्यक्ति भी यही चाहता है की वह प्रतिभाशाली कहलाए. इसके लिए वह मेहनत भी करता है. हर व्यक्ति में कुछ न कुछ अच्छा गुण जरुर होता है. उस गुण को, उस शैली को उस व्यक्ति से कोई चुरा नहीं सकता. अल्बर्ट आइंस्टाइन, बाबासाहेब आंबेडकर, लिनार्डो डा विंसी, आइज़क न्यूटन इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों की तरह एक और खास व्यक्ति है जिन्होंने अपने ज्ञान से सभी पर गहरी छाप छोड़ी है. दिवगंत श्रीकांत जिचकर के नाम 42 विश्वविद्यालयों से 20 डिग्रियां हासिल करने का रिकॉर्ड है। इस रेकॉर्ड को देखने, सुनने के बाद जुबान से एक ही शब्द निकलता है. अद्भुत.

1-  श्रीकांत जिचकार का जन्म-
 श्रीकांत जिचकार का जन्म 14 सितंबर, 1954 को नागपुर के आजनगांव में हुआ.

2-  कौन-कौन सी थीं डिग्रियां...

श्रीकांत ने सबसे पहले एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन (MD) की डिग्री हासिल की. फिर यह सिलसिला चलता ही गया. उन्होंने बैचलर ऑफ़ लॉज़ (LL.B.) करने के साथ-साथ इंटरनेशनल लॉज (LL.M.) में पोस्ट ग्रैजुएशन भी किया. श्रीकांत जिचकार यही नहीं रुके, उन्होंने इसके बाद व्यवसाय प्रबंधन की डिग्री, एमबीए की डिग्री हासिल की और फिर जर्नलिज्म किया.

उन्होंने दस अलग-अलग विषयों में एम.ए की डिग्री भी हासिल की थी, जिसमें  M.A. (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन), M.A. (अर्थशास्त्र), M.A. (समाजशास्त्र), M.A. (संस्कृत), M.A. (अंग्रेजी साहित्य), M.A. (इतिहास), M.A. (दर्शनशास्त्र), M.A. (प्राचीन भारतीय इतिहास तथा संस्कृति), M.A. (राजनीति विज्ञान) और M.A. (मनोविज्ञान) है. साथ में उन्होंने संस्कृत भाषा में ‘डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स’ की डिग्री भी हासिल की.

वर्ष 1973 से लेकर 1990 तक उन्होंने करीब 42 यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं दीं और 20 डिग्रियां हासिल की. उन्होंने हर परीक्षा में हाई रैंक हासिल की. सबसे हैरानी की बात यह है कि यह सब उन्होंने 24 की उम्र पार करने से पहले की हासिल कर लिया था।



3- राजनीति में प्रवेश-

श्रीकांत जब 25 वर्ष के हुए तब उन्होने आइपीएस की तैयारी शुरू की और इसकी परीक्षा को पास भी किया लेकिन कुछ ही समय के कार्यकाल के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और फिर आइएएस की परीक्षा की तैयारी शुरू की.

1980 में आइएएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने और मात्र 4 माह की सेवाएं देने के बाद श्रीकांत ने इस सेवा से भी इस्तीफा दे दिया और पहली बार राजनीति में कदम रखा. इसी वर्ष उन्होंने अपना पहला इलेक्शन लड़ा और चुनाव में अपनी पहली राजनीतिक जीत दर्ज की. इस जीत के साथ वह महाराष्ट्र के एमएलए बने. वह महाराष्ट्र असेंबली में सबसे कम उम्र के MLA बन गए. उन्हें एक साथ 14 पोर्टफोलियो संभालने का उत्तरदायित्व मिला. 1986 से 92 तक वो महाराष्ट्र विधान परिषद और 1992-98 में राज्यसभा के सांसद रहे. 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में महज 3 हजार वोट से उनकी हार हो गई थी.



4- पर्सनल लाइब्रेरी
श्रीकांत का किताबों से काफी करीबी नाता रहा होगा. किताबों से लगाव के कारण श्रीकांत की अपनी निजी लाइब्रेरी रही, जिनमें 52 हजार से ज्यादा किताबें थीं.




5- बहुमुखी प्रतिभा
श्रीकांत को एकेडमिक्स के अलावा पेंटिंग, फोटोग्राफी और एक्टिंग का भी शौक था. श्रीकांत एक बेहतरीन स्टेज एक्टर भी थे.

श्रीकांत जिचकर एक अच्छे वक्ता भी थे. उन्हें कई राज्यों में अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य, तथा धार्मिक कट्टरता से जुड़े विषयों में वार्ता करने के लिए बुलाया जाता था. वे धार्मिक विषयों पर भी गंभीर राय रखते थे.






6- मृत्यु –
कहा जाता है कि अच्छे लोग दुनिया से जल्दी चले जाते हैं, श्रीकांत इसका एक और उदाहरण हैं. साल 2004 में नागपुर से 40 किमी दूर एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. राजनीती में ज्ञान और शिक्षा की अहमियत स्थापित करने वाले श्रीकांत इस तरह 51 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए.


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