वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)
भारत सिर्फ कहने के लिए लोकतांत्रिक है। यहां पे सरकार के किसी नेता और बाकी के लोगों में हिम्मत नहीं की वह धर्म , जाती को खत्म कर सके। नेता भी लोगों से और विपक्ष के नेताओं से डरते है। नरेन्द्र मोदी नोटबंदी का फैसला कर सकते हैं पर धर्म जाती के विकार को समाप्त करने की हिम्मत उनमें भी नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने भी डर के कारण घुटने टेक दिए।
महाराष्ट्र में सरकारी कार्यालयों में धार्मिक विधि करने और देवी-देवताओं की फोटो लगाने पर रोक लगाने का सर्कुलर ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी किया गया था। महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास जलसंधारण विभाग की ओर से 4 जनवरी को अपने अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए अंतर्गत सर्कुलर जारी किया गया था। इसमें सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों में धार्मिक विधि, त्यौहार व उत्सव मनाने पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों के दीवारों पर देवी-देवताओं की लगाई गई फोटो हटाने और किसी भी प्रकार का कोई भी धार्मिक संदेश नहीं लिखने का निर्देश दिया गया था। जारी सर्कुलर में कहा गया था कि सरकारी कार्यालयों में देवी-देवाताओं की तस्वीर लगाना भारतीय संविधान के अनुसार गलत है।यह एक अच्छा फैसला था और लग रहा था की अब तरक्की के करने , सुधार करने की तरफ देश की ओर से महाराष्ट्र ने पहला कदम रखा है, किंतु ऐसा नहीं हुआ. सरकार ने डर के कारण अपना फैसला बदला दिया है। शिवसेना के आगे और बाकी लोगों के आगे सरकार ने घुटने टेक दिए हैं।
सरकार को लोकतांत्रिक और धर्म जाती मुक्त होना चाहिए था पर भारत में धर्म जाती के आगे किसी की भी नहीं चलती। इन सभी के बीच उन लोगों का शुक्रिया अदा करना होगा जो लगातार असफल होने के बावजूद भी धर्म , जाती मुक्त दुनिया बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह लोग उन लोगों की तरह नहीं है जो धर्म, जाती के आगे घुटने टेक देते है और बिना सोचविचार किये अंध विश्वास करते है।

Comments
Post a Comment