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Rudra Trailer Out : अजय एक बार फिर कॉप लुक में

वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)

नारी सन्मान की जरुरत


नारी यानी शक्ति , उम्मीद।वह   माँ , बहन , पत्नी , दोस्त इन अनेक रूपों  में हमारे साथ मौजूद रहती है।  नारी के इस रूप को भारत में देवी की तरह पूजा जाता है।  सच कहे तो पूजने के बजाए  उसके प्रति आदर होना अच्छा है और उसके अच्छे विचारों  को जीवन में शामिल करना बेहतर है।  महिलाओं  के सशक्तीकरण की बात हर कोई करता है, उनका आदर करने की बात भी हर कोई करता है किन्तु सचाई इसके विपरीत है। आधुनिक , बेहतर कहे जानेवाले इस समाज में आज भी कुछ लोग ऐसे है जो अज्ञानी जीवन जी रहे है।  जब महिला सम्मान की बात की जाए तो यह लोग समाज में हम सभी को  दिख ही  जाते है।  भारत सिर्फ कहने के लिए आधुनिक हुआ है।  वास्तव भारत अभी भी एक मर्यादित विचारधाराओं  में फसा हुआ है।  भारत में हमेशा महिलाओं को राय दी जाती  है की ऐसे कपडे मत पहनो , इस तरह का रहनसहन मत रखो ।समाज के कुछ लोग, नेता, संत यह राय देते है की महिलाओं के कपडे के कारण , रहनसहन के कारण अत्याचार , छेड़छाड़ की घटनाएं होती है , लेकिन यह लोग यह नहीं देख पाते की यह उनकी छोटी सोच को दर्शाता है । कपडे पहनने से अगर  संयम बिगड़ जाता है तो यह गलती सिर्फ महिला की नहीं उन पुरुषों  की भी है जो अपना संयम खो देते है।

महिलाओं को जिस तरह समाज के कुछ लोग, नेता , संत  यह राय देते है की महिलाएं  अपना आचरण बदले और रहनसहन बदले उसी तरह पुरुषों को भी यह बात जन्म से सिखाई  जानी चाहिए की वह महिलाओं का सन्मान करे।  सिर्फ फिल्मों में और कहने में सन्मान दिखाने से परिस्थितियां नहीं बदलेगी परिस्तिथियां  तब बदलेगी जब इसकी शुरुवात  खुद से करेंगे। महिलाओं को भी अपने बचाव के लिए लड़ना  सीखना चाहिए।  अगर कोई गलत व्यवहार करता है तो महिला उसे सबक  सिखाए ।
देवी की तरह पूजने का ढोंग करने के बजाय महिला को उनकी जिंदगी उनकी तरह जीने देनी चाहिए उनके जीवन में दखलंदाजी नहीं करनी  चाहिए । महिलाएं  कुछ गलत कर रही है तब उसे  सही मार्गदर्शन किया जाना चाहिए और अगर पुरुष कुछ गलत कर रहा है तो उसे सही मार्गदर्शन करना चाहिए।

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