वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)
जल्लीकट्टू पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के बाद तमिलनाडु में लोगों के साथ साथ फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार भी जल्लीकट्टू पर प्रतिबन्ध लगाए जाने का विरोध करनेवाले इन समर्थकों के पक्ष में आगे आए हैं। सुपरस्टार रजनीकांत, प्रभु देवा, कमल हासन, धनुष, अजित समेत कई शख्सियत इस प्रदर्शन में जुटे हैं । सभी संस्कृती बचाने की बात कर रहे। लेकिन यही लोग भारत से धर्म ,जाती,भाषा के नाम पर होनेवाले विवाद और इंसानी जीव को , प्राणी जीव को देवता बनाने वालों को रोकने के लिए आगे क्यों नहीं आते?
क्या है जल्लीकट्टू?
तमिल भाषा जानने वालों का कहना है कि ‘जल्ली’ शब्द दरअसल ‘सल्ली’ से आया है जिसका मतलब होता है ‘सिक्के’ और कट्टू का अर्थ है ‘बांधा हुआ।’
जल्लीकट्टू सांडों का खेल है जिसमें उसके सींग पर कपड़ा बांधा जाता है।जो खिलाड़ी सांड के सींग पर बांधे हुए इस कपड़े को निकाल लेता है उसे ईनाम के रूप में सिक्के या रुपए मिलते हैं। इसलिए इस खेल को जल्लीकट्टू के नाम से जाना जाता है।
भारतीय लोग इंसानो को, प्राणी जीव को देवता बनाते हैं और वह जीव जिन्हें देवता बनाया गया है वह कुछ गलत करे तो उसे माफ़ किया जाता है, पर अगर कोई सामान्य जीवन जीनेवाला व्यक्ति कोई गलती करे तो उसे खुद सजा देते है। बिना क़ानून का सहारा लिए। यह दोहरा मापदंड क्यों ? दोहरा मापदंड किसी काम का नही है। किसी को पूछो तब कहते है यह बात अलग है वह बात अलग है। इंसानो को संस्कृती, धर्म, जात, भाषा के नाम पर फसाया गया है और अभी वही हो रहा है।

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