वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)
हम सभी मानवी जीवों को जिन्दगी के साथ - साथ हास्य नाम का बेहद खूबसूरत तोहफा प्रकृति ने दिया है , यह तोहफा इतना अच्छा है की अगर इसका सही उपयोग किया जाए तो समस्या नामक बीमारी नहीं दिखेगी। इस ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए ज़िन्दगी में हास्य के महत्वपूर्ण हिस्से को खुद से जोड़ना आवश्यक है । हास्य से सारे समस्यों से पल भर में राहत मिलती है. ऐसा होते हुए भी हम मानवी जीव हमेशा समस्यों और दुखो की बात करते रहते हैं. हमें समस्याओं और दुखो की बात करने के बजाय हास्य के तोहफे का सही इस्तमाल करना चाहिए। हास्य के क्या फायदे है यह हम सभी को पता है फिर भी हम इसको भूल जाते है.
हास्य एक सार्वभौमिक भाषा की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। हंसता हुआ चेहरा देखकर हंसी आ ही जाती है क्योंकि हंसी संक्रामक होती है। हंसना एक सकारात्मक भाव है। जब हम किसी को खिलखिलाकर हंसते हुए देखते हैं तो हमारा मष्तिष्क अनायास ही चेहरे की मांसपेशियों को हंसने के लिए विवश कर देता है। हंसना शारीरिक बीमारियों तथा मानसिक व्याधियों से निजात पाने का सर्वोत्तम उपाय है। ठहाके लगाने व खिलखिलाकर हंसने से छाती व पेट के मध्य स्थित डायफ्राम में स्पंदन होता है। हंसने से डायफ्राम की झिल्ली सक्रिय होने से पेट, फेफड़े व लीवर की स्वाभाविक मालिश होती है। हंसने से समस्त शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन का संचार होता है। हृदय की शिराओं में रक्त का परिसंचरण सुचारू ढंग से होने लगता है। ठहाके से महत्वपूर्ण रसायन एंडोर्फिन तथा सेरोटोनिन का पर्याप्त मात्रा में उत्सर्जन होता है.
इसलिए हास्य के इस बेहतरीन उपाय और हिस्से को जीवन में अपनाना बेहतर है. इससे सभी का जीवन खुशाल और सुन्दर होगा।
हास्य एक सार्वभौमिक भाषा की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। हंसता हुआ चेहरा देखकर हंसी आ ही जाती है क्योंकि हंसी संक्रामक होती है। हंसना एक सकारात्मक भाव है। जब हम किसी को खिलखिलाकर हंसते हुए देखते हैं तो हमारा मष्तिष्क अनायास ही चेहरे की मांसपेशियों को हंसने के लिए विवश कर देता है। हंसना शारीरिक बीमारियों तथा मानसिक व्याधियों से निजात पाने का सर्वोत्तम उपाय है। ठहाके लगाने व खिलखिलाकर हंसने से छाती व पेट के मध्य स्थित डायफ्राम में स्पंदन होता है। हंसने से डायफ्राम की झिल्ली सक्रिय होने से पेट, फेफड़े व लीवर की स्वाभाविक मालिश होती है। हंसने से समस्त शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन का संचार होता है। हृदय की शिराओं में रक्त का परिसंचरण सुचारू ढंग से होने लगता है। ठहाके से महत्वपूर्ण रसायन एंडोर्फिन तथा सेरोटोनिन का पर्याप्त मात्रा में उत्सर्जन होता है.
इसलिए हास्य के इस बेहतरीन उपाय और हिस्से को जीवन में अपनाना बेहतर है. इससे सभी का जीवन खुशाल और सुन्दर होगा।
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