वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)
2017 -18 का आम बजट सरकार फरवरी में पेश करनेवाली है, इस बात का बाकी दलों ने विरोध किया था और कहा था की बीजेपी सरकार इस बजट के जरिये आनेवाले चुनावो में फायदा लेना चाहती है। इसलिए इस बजट को पेश करने के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों ने याचिका दाखिल की थी पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट के द्वारा सरकार के पक्ष में फैसला जाने के बाद बजट पेश होनेवाला था पर बजट पेश होने से पहले ई अहमद का निधन हुआ। इस कारण लग रहा था शायद बजट पेश न हो पर सरकार के काम के प्रति लगन की सराहना होनी चाहिए। सरकार बजट में कुछ बड़े फैसले कर सकती है ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी पर सरकार ने संतुलन को महत्व दिया। पहली बार आम बजट 1 फरवरी को पेश किया गया है। रेल और आम बजट एकसाथ पेश करना भी इतिहास में पहली बार हुआ है ।
इस बजट के जरिये अरुण जेटली ने किसान, युवा वर्ग, महिला, छोटे व्यापारी, रेलवे अन्य लोगो के लिए भी संतुलित अर्थसंकल्प दिया है। यह बजट नोटबंदी के ठीक बाद आया है । इसलिए इसमें डिजिटल भुगतान की बात होना तय था। इस समय भारत के सामने कई चुनौतियों हैं पहली चुनौति कच्चे तेल की कीमते है, दूसरी चुनौती नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियां है, तीसरी चुनौती है की नोटबंदी के असर की। इन सारे सवालों को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकलुभावन घोषणाएं करने के बजाय इस बात की तरफ लक्ष्य दिया की एक सही बजट पेश किया जाए.
3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स न लगाना, कृषि क्षेत्र के लिए 10 लाख करोड़ का बजट, मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपए का बजट, रेलवे की तीन बड़ी कंपनियों को शेअर बाज़ार में लाना, युवाओं के लिए 4 हजार करोड़ रुपए से संकल्प योजना, गर्भवती महिलाओं के अकाउंट में 6 हजार रुपए सीधे देना और राजनीति में काले धन का दखल रोकने के लिए राजनीतिक पार्टियों को कैश में 2000 रुपये का ही चंदा लेने का अधिकार देना यह कुछ अहम् फैसले है। इसके साथ ही रेल हादसों को देखते हुए अरुण जेटली ने पांच साल में एक लाख करोड़ का सुरक्षा कोष बनाने की बात कही है।
इन सारे फैसलों से सरकार विकास का नजरिया समझने में मदद मिलती है। सरकारी की घोषणाओं पर लोगों ने अब तक सवाल नहीं उठाए हैं। हालांकि राहुल ने इस पर सवाल उठाए हैं किन्तु लोगो ने उनको लक्ष्य बनाकर उन्हें कई बातें कही। राहुल ने अपनी राय रखी थी। उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार है पर उनको गलत शब्द कहकर और उनकी बातों का मज्ज़ाक बनाकर लोगों ने अपनी बुद्धि का परिचय दिया।
केंद्र सरकार से लोगों को बेहतर काम की उम्मीद है और सरकार उस पर खरा उतरने की कोशिश कर रही है। बजट सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी ला सकता है । इसलिए यह बजट कितना प्रभावी साबित होगा यह देखने के लिए वक्त देना होगा ।

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