वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)
कोई दुर्घटना हो और उसपर राजनीति न शुरू हुई हो ऐसा शायद ही भारत में देखने मिले. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एलिफिस्टन रोड- लोअर परेल दुर्घटना हुई. एलफिन्स्टन रेलवे स्टेशन पर बने फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) पर 29 सितंबर की सुबह हुई भगदड़ में 23 लोगों की मौत हुई. इस घटना के बाद देशभर में दुःख जताया गया और दोषियों पर कार्रवाई बात कही गयी किंतु कार्रवाई के नाम पर बारिश को दोषी माना गया. इस घटना (एलिफिस्टन रोड- लोअर परेल ब्रिज दुर्घटना ) के बाद महाराष्ट नवनिर्माण सेना (मनसे ) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने 15 दिन के भीतर फेरीवालों को हटाने और 15 दिनों में फेरीवालों को न हटाने पर मनसे स्टाइल में हटाने की बात कही. शनिवार को 16वें दिन मनसे कार्यकर्ता ने कानून हाथो में लेते हुए ठाणे, कल्याण और डोंबिवली रेलवे स्टेशन पर फेरीवालों की पिटाई की और उनका सामान फेंक दिया था. वसई में भी यही हाल रहा. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मनसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को पकड़ा .
राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा फेरीवालों के साथ किये गए इस व्यवहार के बाद सवाल उठ रहे हैं, की क्या हिंसा से ही समस्या का समाधान निकलेगा ? या राज ठाकरे कोई और लोकतांत्रिक मार्ग अपना सकते थे ?. मनसे के इतिहास को देखा जाए तो शांत तरीके की उम्मीद करना गलत लग सकता है, पर नेताओं के पास स्थितियों को समझकर निर्णय लेने की भी क्षमता होती है. जानकारों के मुताबिक राज इस बात की मांग कर सकते हैं कि 2014 से जो फेरीवाला कानून पास होकर पड़ा है, उसे लागू किया जाए. अगर राज्य में एक बार फेरीवाला कानून लागू हो गया, तो कानूनन फेरीवालों के लिए हॉकर्स जोन निर्धारित हो जाएंगे. मनसे के द्वारा फेरीवालों के साथ किये गए दुर्व्यवहार के बाद आरपीआई (ए) प्रमुख रामदास आठवले ने इसकी निंदा की और कहा की लड़ना है तो बॉर्डर पर लड़े.
http://www.hindustantimes.com/assembly-elections/ally-athawale-says-will-support-bjp-in-gujarat-elections/story-kUiZShpOEwCKBOM3KK44ZJ.html
http://hindi.firstpost.com/india/mumbai-elphinstone-stampede-now-mumbai-charni-road-station-footover-bridge-collapses-two-injured-pm-60377.html
फिलहाल सभी एक दूसरे पर आरोप करते है किंतु अगर प्रशासन अपने कामकाज में सुधार के लिए प्रयास करेगा तो लोग भी अपना योगदान देंगे एक दूसरे के सहयोग से शहर बेहतर होगा.
राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा फेरीवालों के साथ किये गए इस व्यवहार के बाद सवाल उठ रहे हैं, की क्या हिंसा से ही समस्या का समाधान निकलेगा ? या राज ठाकरे कोई और लोकतांत्रिक मार्ग अपना सकते थे ?. मनसे के इतिहास को देखा जाए तो शांत तरीके की उम्मीद करना गलत लग सकता है, पर नेताओं के पास स्थितियों को समझकर निर्णय लेने की भी क्षमता होती है. जानकारों के मुताबिक राज इस बात की मांग कर सकते हैं कि 2014 से जो फेरीवाला कानून पास होकर पड़ा है, उसे लागू किया जाए. अगर राज्य में एक बार फेरीवाला कानून लागू हो गया, तो कानूनन फेरीवालों के लिए हॉकर्स जोन निर्धारित हो जाएंगे. मनसे के द्वारा फेरीवालों के साथ किये गए दुर्व्यवहार के बाद आरपीआई (ए) प्रमुख रामदास आठवले ने इसकी निंदा की और कहा की लड़ना है तो बॉर्डर पर लड़े.
http://www.hindustantimes.com/assembly-elections/ally-athawale-says-will-support-bjp-in-gujarat-elections/story-kUiZShpOEwCKBOM3KK44ZJ.html
फेरीवालों के साथ हिंसा के लिए जिस तरह राज ठाकरे जिम्मेदार है उसी तरह प्रशासन भी एलिफिस्टन रोड-लोअर परेल दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है. लोगों के द्वारा बार बार शिकायत दिए जाने के बाद प्रशासन ने ब्रिज ठीक करने का काम शुरू किया. प्रशासन के काम के ढीले रवैए के कारण चर्नी रोड फुटओवर ब्रिज गिरा जिसमे दो लोग घायल हो गए.
http://hindi.firstpost.com/india/mumbai-elphinstone-stampede-now-mumbai-charni-road-station-footover-bridge-collapses-two-injured-pm-60377.html
फिलहाल सभी एक दूसरे पर आरोप करते है किंतु अगर प्रशासन अपने कामकाज में सुधार के लिए प्रयास करेगा तो लोग भी अपना योगदान देंगे एक दूसरे के सहयोग से शहर बेहतर होगा.

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