Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2016

Rudra Trailer Out : अजय एक बार फिर कॉप लुक में

वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस का ट्रेलर रिलीज(“Rudra - The Edge of Darkness"). इस वेब सीरीज से अजय देवगन (Ajay Devgn, Digital Debut) कर रहे हैं डिजिटल डेब्यू. रुद्र में अजय एक बार फिर कॉप लुक में नजर आ रहे हैं . अजय के अलावा में राशि खन्ना (Raashi Khanna), ईशा देओल (Esha Deol), अतुल कुलकर्णी, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, आशीष विद्यार्थी और सत्यदीप मिश्रा प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे. ‛रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस’ ब्रिटिश वेब सीरीज ‘लूथर’ की रीमेक है. ('Rudra - The Age of Darkness' is a remake of the British web series 'Luther'.)

राष्ट्रवाद

ये पूरा ब्रह्मांड हम सभी का घर है।इस घर को खूबसूरत कैसे बनाये रखे इस ओर हमारी नजर होनी चाहिए , किंतु हो कुच्छ और ही रहा है।  इतना खूबसूरत घर मिलने , सामाजिक परिवार मिलने के बावजूद आज दुनिया में लोग राष्ट्र ,धर्म -जाती के नाम पर लड़ रहे है। वैचारिक समाज के विचारो को बेहतर बनाकर  सुधार लाने के बजाय किसी एक विचार को थोपने की कोशिश की जा रही  है।  भारत इसका उदाहरण है। भारत में राष्ट्रवाद का मुद्दा इतना बड़ा बन गया है की लोक इसके लिए हिंसा तक करते है । खुद को आधुनिक कहनेवाले समाज का ये पहलु काफी  बातें स्पष्ट करता है ।यूं  तो हर कोई खुद को वैचारिक कहता है लेकिन धर्म जाती, राष्ट्रवाद की बात की जाए तब कुछ सोचने के बजाय सीधा हिंसक हो जाता है , किसी के बातों को ,या घटना को समझने की कोशिश नहीं की जाती।उसके कई उदाहरण  भी है। फ़िलहाल का उदाहरण  है सुप्रीम कोर्ट के द्वारा  राष्ट्रगीत  को लेकर  सुनाया गया फैसला। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय गान, यानी 'जन गण मन' से जुड़े एक अहम आदेश में आज बुधवार को कहा कि देशभर के सभी सिनेमाघ...

समाप्त होती स्पष्टता

हम इंसानी जीव एक समाजशील जीव हैं ।समाजशील होने के कारण हम सामािजक परिवार में रहते हैं। हजारो सालो से हम इसी तरह रहते आए हैं तथा आज भी रहे हैं और आगे भी इसी तरह रहना है । हम सभी एक साथ रहते हैं इस वजह से हम वैचारीक मतभेद को समझते हैं इस मतभेद के बावजूद अब तक परिवार ने सही बातो को समझा है और सही बातों को समझकर रहना िसखा है. सही से चल रहे इस समाज में पिछले कुछ वर्षो में बदलाव हुआ है , लेकिन यह बदलाव सामजिक परिवार के बारे में सोचने के लिए  मजबूर करनेवाला है । यह बदलाव है साइड लेने का । इस समाज मे साइड लेने  का  बदलाव लोकप्रिय हो रहा है ।यही लोगो  को दूर भी कर रहा है। परिवार मे वैचारीक मतभेद के कारण झगड़ा हो और परिवार का कोई तीसरा सदस्य उन्हें अलग-अलग भी समझाने की कोशिश करे तो अक्सर यही डायलॉग सुनने को मिलता है, ‘अच्छा, तो तुम भी उसी की साइड ले रहे हो?’ साइड लेने कि यह बात सही बातों को स्पष्ट होने से दूर कर रही है । यह सामनेवाले व्यक्ति की बात  कितनी सही या गलत है इस सवाल को सीधे तौर पर काट देती है। यह आग्रह ...

संविधान सर्वांचे

                                                                            भारतीय समाज हा लोकशाही वर आधारित आहे. बाबासाहेब यांनी भारतीय व्यवस्थेला राज्य घटना देऊन संपूर्ण देशाला एकत्र आणले त्यांच्याकडून देण्यात आलेल्या  घटनेमुळे प्रत्येक नागरिकाला अनेक अधिकार मिळेल जे  नागरिकाना त्याचा अधिकार असून मिळत नव्हते . डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांना सामाजिक, समता, स्वातंत्र्य, बंधुभाव, न्याय व सहजीवनावर आधारित समाज अभिप्रेत होता. त्यामुळे  त्यांनी सर्वाना समान वागणूक देणारी राज्यघटना व समान वागणूक देणारे संविधान समाजाला दिले.पण आज या संविधान ला बदलून आण्याचा काही लोकांकडून प्रयत्न केले जातो आहे. आज अचानक सर्वत्र अतिरेकी राष्ट्रवादाची भुते नाचू लागल्याने राज्यघटनेची शाबूतता कधी नव्हे एवढी आवश्यक बनलेली आहे. समाज हा राष्ट्राचा भाग असतो आणि त्या राष्ट्राची धारणा करते ती लोकशाही व्यवस्था. तिचीही ...

अक्षय के व्दारा शहीद परिवार के िलए 9 लाख

          अक्षय अपने बेहतरीन अभिनय के साथ सामािजक काम के िलए जाने जाते हैं । अक्षय का सेना के प्रती प्रेम भी सभी जानते हैं। अक्षय ने िकसानो के िलए सबसे बडा आर्थिक योगदान िदया था , उसी तरह इस बार भी अक्षय ने सेना के जवान के परिवार के िलए आर्थिक योगदान दिया है ।उल्फा उग्रवादियों के साथ हुए एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए नरपत सिंह के परिवार को अक्षय ने 9 लाख रूपये का योगदान  िदया है। 19 नवंबर को असम के उल्फा उग्रवादियों के साथ हुए एनकाउंटर के दौरान नरपत सिंह शहीद हुए थे। इस बहादुर और साहसी जवान के परिवार के आर्थिकता  के अक्षय ने योगदान िदया है । शुक्रवार को अक्षय ने शहीद के भाई आईदान सिंह को फोन किया। उन्होंने आईदान सिंह और शहीद की पत्नी से बात की , बातचीत के दौरान अक्षय ने कहा कि  आपके पति व शहीद नरपत सिंह के बारें में मीडिया से जानकारी मिली, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है। मैं दुख की इस घड़ी में आपके परिवार के साथ हूं।  हम रील लाइफ के हीरो हैं लेकिन नरपत सिंहजी जैसे शहीद वाकई रीयल लाइफ हीरो होते हैं। मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ ह...

हास्य

हम सभी मानवी जीवों को जिन्दगी के  साथ - साथ हास्य नाम का  बेहद खूबसूरत तोहफा प्रकृति ने  दिया है , यह तोहफा इतना अच्छा है की अगर इसका सही उपयोग किया जाए तो समस्या नामक बीमारी नहीं  दिखेगी। इस ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए ज़िन्दगी में हास्य के महत्वपूर्ण हिस्से को खुद से जोड़ना आवश्यक है ।  हास्य से सारे समस्यों से पल भर में राहत मिलती है. ऐसा होते हुए भी हम मानवी जीव हमेशा समस्यों और दुखो की बात करते रहते हैं.  हमें समस्याओं और दुखो की बात करने के बजाय हास्य के तोहफे का सही इस्तमाल करना चाहिए।  हास्य के क्या फायदे है यह हम सभी को पता है फिर भी हम इसको भूल जाते है. हास्य एक सार्वभौमिक भाषा की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। हंसता हुआ चेहरा देखकर हंसी आ ही जाती है क्योंकि हंसी संक्रामक होती है। हंसना एक सकारात्मक भाव है। जब हम किसी को खिलखिलाकर हंसते हुए देखते हैं तो हमारा मष्तिष्क अनायास ही चेहरे की मांसपेशियों को हंसने के लिए विवश कर देता है। हंसना शारीरिक बीमारियों तथा मानसिक व्याधियों से निजात पाने का सर्वोत्तम उपाय है। ठहाके लगाने व खिलखिलाकर हंसने से ...

मोदीमय नोटबंदी आणि अंध देशभक्ती

                                 नरेंद्र मोदी  भारताचे  लोकप्रिय  पंतप्रधान. नरेंद्र  मोदी यांनी पंतप्रधान बनल्यापासून  जागतिक संबंध  सदृढ  करण्यासाठी आणि भारताचा विकास करण्यासाठी अनेक  प्रयत्न  , उपाययोजना केल्या  आहेत . जगातील  लोकप्रिय आणि  ताकतवर नेत्यांमध्ये  नरेंन्द्र मोदी यांचे नाव घेतले जाते. सध्या काळा बाजार आणि काळ्या रुपयांवर  नियंत्रण आणण्यासाठी नोट बंदी करण्याचा त्यांनी निर्णय  घेतला. त्यांच्या या निर्णयाने लोकांपासून , प्रसारमाध्यमाध्यमापासून , जगातील इतर देशांना ही  आश्चर्याचा धक्का  बसला. नरेंद्र मोदी यांनी ८ नोव्हेंबर ला रात्री  ८वाजता अचानक ५००-१००० च्या नोटा बंदी करण्याचा निर्णय घेतला. या  निर्णयानंतर  लोकांनी मग त्याच दिवशी रात्री एटीएम  बाहेर  रुपये काढण्यासाठी  रांग लावली. पण  रुपयांचा साठा संपल्याने  अनेकांना रुपये मिळाले नाही. त्यानंतर दुसऱ्या दिवसापासून...

बिल्डर के झूठ की खुली पोल

          मीरा भाईंदर - मीरा भाईंदर शहर में सरकार के साथ बिल्डर द्वारा की गई धोखाधडी का स्कैंडल सामने आया है। बिल्डर  श्याम सुंदर अग्रवाल को सरकार को धोका देने के अारोप में गिरफ्तार किया गया है। सरकार को धोका देकर यूएलसी रक्कम न देने के कारण बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल के अलावा श्याम के भाई मुरलीधर अग्रवाल और आर्किटेक्ट अनिल मोतीरामानी , मनपा अधिकारी, ठाणे कलेक्ट्रेट ऑफिस के यूएलसी विभाग , महसुल विभाग के अधिकारीयों को भी गिरफ्तार किया  गया है । इन सभी के सहयोग के सहारे  बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल ने सरकारी जमिन के इस्तेमाल  के लिए दिए जानेवाली  5% यूएलसी सरकार के पास जमा नही कराई किंतु सरकार को धोका देते हुए यह रेकॅार्ड दिखया की उसने 5% यूएलसी सरकार के पास जमा कराई है । इस कारण सरकार के साथ धोका भी हुआ तथा सरकार का नुकसान भी हुआ , धोखाधडी के इस मामले की शिकायत रियल इस्टेट एजंट मिलन गांधी ने पुिलस थाने में दर्ज कराई । शिकायत और जानकारी के आधार पर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार  किया है । यूएलसी यानी की अर्बन लैंड सीलिंग, इस  यू...

भारत- इंग्लैंड रोमांचक टेस्ट मैच ड्रा

राजकोट: सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में  भारत-इंग्लैंड के बीच का पहला टेस्ट मैच ड्रा हो गया है. इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट मे हुए इस पहले टेस्ट मैच मे रविवार को इंग्लैंड ने भारत को जीत के लिए  310 रन का लक्ष्य दिया  था जिसके जवाब मे भारतीय टीम 172 रन ही बना पाई. जो मैच ड्रा होता नजर आ रहा था उसमे अचानक इंग्लैंड के गेंदबाजों के सटीक लाइन ,लेंथ की गेंदबाजी के कारण भारतीय बल्लेबाजों के विकेट गिरने से  रोंमाच निर्माण  हुआ. विकेट गिरने से भारत की हार होने की स्थिति निर्माण  हुई. लेकिन विराट  ने इस हार को टाल दिया. विराट  ने आर अश्विन (32 रन 53 गेंद)  के साथ छठे विकेट के लिए 47 रनो की साझेदारी निभाई और उसके बाद रविंद्र जडेजा (32 रन 33 गेंद) के साथ 40 रनो की साझेदारी निभाकर इंग्लैंड को जीत से दूर रखा.   विराट (49 रन 98 गेंद) और रविंद्र जडेजा (32 रन 33 गेंद) दोनो मैच खत्म होने पर नाॅटआउट लौटे. विराट कोहली द्वारा आर अश्विन और रविंद्र जडेजा के साथ निभाई गई यह साझेदारीयां मैच ड्रा कराने में अहम साबित हुई. इससे पहले कल...

भारतीय लोकशाहीचा नाच

भारतीय लोकशाहीचा नाच लोकशाही या शब्दाचा उच्चार होताच एक शक्तीचा  अनुभव  होता. तसेच एक आशेचा किरण असल्याचा प्रत्यय ही येतो. लोकशाही हा एक घटक किंवा  हक्क ,मूल्य  असाही  अर्थ होतो. हा मानवी जीवनाच्या इतिहासाबद्दल अनेक बाबी स्पष्ट करतो आणि मानवाच्या वर्तमानाचाही घटनाक्रम सांगतो पण नेमकी लोकशाही म्हणजे काय ? लोकशाहीचा जीवनावर कसा प्रभाव पडतो ? या अनेक गोष्टी सांगण्याची गरज नाही कारण आजचा समाज हा इतका आधुनिक आहे कि त्याला याची माहिती आहे. समाजातील कोणत्याही व्यक्तीस विचारले तरी लोकशाही बद्दल नक्कीच सांगेल. लोकशाही ही काही वस्तू नाही, खेळ नाही तर लोकशाही एक समाजव्यवस्था आहे जी सर्वाना समान असल्याची जाणीव करून देते. लोकशाही एक बदल, विचार आणि हक्क आहे. लोकशाही म्हणजे लोकांचे शासन. हा कोणत्याही देशाच्या ,राष्ट्राच्या , समाजाचा भाग आहे , जो देशाचे वर्तमान भविष्य आधारित करतो, विकास आधारित करतो. लोकशाहीचे उदाहरण द्यायचे असेल तर भारत हा सर्वात लोकप्रिय देश आहे. भारताच्या लोकशाहीला संपूर्ण पृथ्वीवरीळ देशांकडून आदर दिला जातो. भारतीय लोकशाहीचे तीन स्तंभ  आहेत ती ती...